मेरी इस दवा को सिर्फ चार महीने प्रयोग करने के बाद बंद करके स्वस्थ जीवन जीने के काबिल हो जाएंगे। आपको बता दूं कि लाइफस्टाइल डीज़ीज़ेज़ जैसे OBESITY, HIGH BP, DIABETES, ASTHMA, CHOLESTEROL, THYROID, HEART PROBLEM, CANCER, LIVER & ABDOMINAL PROBLEM, MIGRAINE, PSORIASIS, SINUSITIS, ARTHRITIS, OSTEOARTHRITIS, OSTEOPOROSIS वग़ैरह लाईलाज बीमारियों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है।

Cholesterol/Thyroid Treatment

क्यों ख़तरनाक है कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

CHOLESTEROL एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर में बनता है। PLAQUE जमा होने से धमनियां संकरी हो जाती हैं।ज्यादा तेल और घी से बने आहार खाने से बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल।   CHOLESTEROL एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर में बनता है। अगर शरीर में CHOLESTEROL की मात्रा बढ़ जाती है, तो एक क्रिया होती है, जिसे ATHEROSCLEROSIS कहते हैं। इससे CHOLESTEROL धमनियों में PLAQUE के रूप में जमा होने लगता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं। धमनियों के संकरे होने के कारण कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। खतरनाक स्तर होने पर इससे हार्ट अटैक भी हो सकता है,और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। आइए आपको बताते हैं क्यों खतरनाक होता है शरीर में CHOLESTEROL का बढ़ना।


 CHOLESTEROLबनने के तीन प्रमुख कारण हैं:-    1) अधिक तेल युक्त आहार लेना मसलन फ्रेंच फ्राइज़, फ्राइड चिकन आदि।     2) POLY UNSATURATED FATTY ACID का अधिकता में सेवन करना जो कि वानस्पतिक तेल में मिलता है।     3)  इसके अलावा सिगरेट पीने वालों को ये समस्‍या हो सकती है।    धमनियां हो जाती हैं सख्त:-हमारा BLOOD धमनियों (रक्तवाहिकाओं) में बहता है,और इसी के सहारे शरीर के सभी अंगों तक पहुंचता है। धमनियों के अंदरूनी हिस्से में लाइनिंग होती है, जिसे ENDOTHELIUM कहा जाता है, जो नाजुक और नर्म होती है। लेकिन CHOLESTEROL के कारण यह सख्त होने लगती हैं। सिर्फ CHOLESTEROL ही नहीं, HIGH BP या चोट लगने के कारण भी धमनियों पर बुरा असर पड़ता है।    हार्ट अटैक का खतरा:- CHOLESTEROL बढ़ने के कारण धमनियों में जमा होने वाले PLAQUE के कारण सबसे ज्यादा खतरा HEART और BRAIN को होता है। CHOLESTEROL के कारण इन दो महत्वपूर्ण अंगों तक ठीक से खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे व्यक्ति के लिए जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। CHOLESTEROL के बढ़ने से मुख्य रूप से HEART की बीमारियों और STROKE का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपको सीने में दर्द महसूस हो, बेचैनी हो या दिल बहुत जोर-जोर से धड़कने लगे, तो ये CHOLESTEROL के बढ़े होने के संकेत हो सकते हैं।    स्ट्रोक हो सकता है:-धमनियों में PLAQUE के कारण BRAIN तक OXYGEN पहुंचने और BLOOD CIRCULATION में दिक्कतें आती हैं। नतीजतन STROKE होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। BRAIN को प्रभावित करने वाला STROKE रक्त वाहिकाओं में रुकावट या रक्त वाहिका फट जाने की वजह से हो सकता है। HIGH CHOLESTEROL के  कारण ESCHAEMIC STROKE के जोखिम बढ़ सकते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि धमनियों में रक्त के CLOTTING न जम सकें। इसे नजरअंदाज करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता हैI इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से जांच करवाएं और अपना CHOLESTEROL मैनेज करें। पाचनतंत्र भी होता है प्रभावित।


  कोलेस्ट्रोल पित्त में असंतुलन बना देता है जिससे कि पित्त में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल डाइजेस्टिव डीजीज इन्फोर्मेशन क्लियरिंगहाउस के मुताबिक 80 फीसदी गैलस्टोन कोलेस्ट्रोल स्टोन ही होते हैं।   पैरों की समस्याएं:-यदि कोलेस्ट्रोल बढ़ जाए तो पैरों में संवेदनशून्यता आ सकती है। जिससे हमें सहज चलने फिरने में दिक्कतें महससू होने लगती हैं। कोलेस्ट्रॉल शरीर में रक्त के प्रवाह में बाधा बनता है इसलिए कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर अक्सर शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे उस अंग में झुनझुनी या सिहरन जैसा महसूस होने लगता है। अक्सर हाथ-पैर को दबाकर लेटने या बैठने से भी नसों में रक्त का प्रवाह जब कम हो जाता है, तब भी आप ऐसी झुनझुनी या सिहरन महसूस कर सकते हैं मगर यदि ये बिना कारण हो, तो समझें आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है। अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल तुरंत चेक करवाएं। कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है! उच्च स्तर के कोलेस्ट्रॉल से आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ है। आपके शरीर को स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन उच्च स्तर के कोलेस्ट्रॉल से आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के साथ, आप अपने रक्त वाहिकाओं में वसायुक्त तह (deposits) विकसित कर सकते हैं। आखिरकार, ये तह बढ़ते हैं, जिससे आपकी धमनियों में पर्याप्त रक्त का प्रवाह मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी वे तह अचानक टूट सकते हैं और एक थक्का बना सकते हैं जो दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बनता है।    उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्‍या विरासत में मिल सकता है, लेकिन यह अक्सर अस्वास्थ्यकर जीवन शैली विकल्पों का परिणाम होता है, जो इसे रोकने और इलाज योग्य बनाता है। एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और कभी-कभी दवा उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है। उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या के कारण कई हैं, जैसे: खराब खानपान, मोटापा, एक्‍सरसाइज की कमी, स्‍मोकिंग, डायबिटीज और उम्र के साथ यह समस्‍या बढ़ती है।  कोलेस्‍ट्रॉल के प्रकार :- कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त के माध्यम से, प्रोटीन से जुड़ा होता है। प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल के इस संयोजन को लिपोप्रोटीन कहा जाता है। कोलेस्ट्रॉल के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो लिपोप्रोटीन के आधार पर होता है।    कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल): एलडीएल, या "खराब" कोलेस्ट्रॉल, आपके पूरे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के कणों को स्थानांतरित करता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों की दीवारों में बनाता है, जिससे वे कठोर और संकीर्ण हो जाते हैं। उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल): एचडीएल, या "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल, अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल उठाता है और इसे आपके लिवर में वापस ले जाता है। उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल से होने वाली समस्‍याएं:- उच्च कोलेस्ट्रॉल आपके धमनियों (एथेरोस्क्लेरोसिस) की दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल और अन्य तह (deposits) के खतरनाक संचय का कारण बन सकता है। ये तह आपकी धमनियों के माध्यम से रक्त के प्रवाह को कम कर सकते हैं, जिससे कई तरह की जटिलताएं पैदा हो सकती हैं,  जैसे,छाती में दर्द। यदि रक्त (कोरोनरी धमनियों) से आपके दिल की आपूर्ति करने वाली धमनियां प्रभावित होती हैं, तो आपको सीने में दर्द (एनजाइना) और कोरोनरी धमनी की बीमारी के अन्य लक्षण हो सकते हैं।   हृदयाघात्:-- अगर प्‍लेक फट जाता है तो उसमें खून का थक्‍का जम जाता है जिससे रक्‍त का बहाव कम हो जाता है। यदि आपके दिल के हिस्से में रक्त प्रवाह रुक जाता है, तो आपको दिल का दौरा पड़ सकता है।    स्ट्रोक:-यह दिल के दौरे के समान होता है, स्ट्रोक तब होता है जब रक्त का थक्का आपके मस्तिष्क के हिस्से में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करता है।

Last updated date 30/09/2020

इंसान वही सुनना चाहता है जो उसको पसंद है

 "ईन्सान वही सुनना चाहता है जो उसको सुनने की चाहत होती है, बाक़ी बातों को वह अनसुना कर देता है।"ठीक वैसे ही जैसे सैंकड़ों वर्षों तक कहा जाता था कि,"सुर्य पृथ्वी चारों ओर चक्कर लगाता है। "जब कॉपरनिकस ने 1543 ई में "DE REVOLUTIONIBUS ORBIUM COELESTIUM" प्रकाशित की और कहा कि "पृथ्वी सुर्य के चारों ओर चक्कर काटती है।" तो उन पर चारों ओर से व्यंगबाण छोड़े गये।उनका तर्क साईंटीफिक और धार्मिक दृष्टिकोणों के आधार पर रद्द कर दिया गया।उन्हें बहुत से लोगों के कोप का शिकार होना पड़ा।उनके सारे तर्क खोखले क़रार दिए गये। उसी तरह जो सच्चाई मैं आपके सामने समय समय पर उजागर करने की कोशिश कर रहा हूं,उसे भी हमारे समाज (मुनाफा कमाने की इच्छा रखने वालों) द्वारा नामनज़ूर करने की कोशिश की जायेगी। हार्ट सर्जन और कार्डियोलौजिस्ट द्वारा मरीजों के शोषण का बहुत ही विस्तृत चित्र प्रस्तुत करती है।हमें ह्रदय रोगों की चिकित्सा में एक अहम बदलाव की ज़रुरत है,जो बिना चीर फाड़ के की जाने वाली चिकित्सा की ओर ले जाती हो। ''आपको कोई लाईलाज असाध्य बीमारी या अन्य पुरानी तकलीफ व परेशानी रहती है तो अवश्य संपर्क करें|''


"पोस्ट को ध्यान से पढें,फिर आपको मुझसे कुछ भी विचार-विमर्श या पूछताछ करने की ज़रुरत ही नहीं पड़ेगी|नीचे दिए पते पर पहुँच कर अपना मुकम्मल ईलाज करा लें|सदा सुखी व स्वस्थ्य जीवन का आनंद लेते रहें|" नीचे लिखी कुछ लाईलाज बीमारियाँ जिसको हमलोग LIFESTYLE DISEASE के नाम से जानते हैं और इस तरह की सारी बीमारियों का मुकम्मल ईलाज 100% मुमकिन है,वो भी सिर्फ यूनानी मेडिसीन "HEALTH IN BOX" से, जो मैंने बरसों की मेहनत, रिसर्च और अथक प्रयास से केवल आपके लिए एक अनमोल तोहफ़ा। क्योंकि सारी बीमारियाँ GLUCOSE और INSULIN की गड़बड़ी की वजह से ही वजूद में आती हैं,मगर शरीर के विभिन्न अंगों के हिसाब से उसका नाम दे दिया जाता है|लेकिन सारे रोग DIABETES की बदली हुई शक्ल व रुप ही हैं|GLUCOSE और INSULIN के बीच में जब तक तालमेल सही है,हम सेहतमंद और स्वस्थ्य हैं| यही सबसे बड़ी सच्चाई है जिसे सैंकडों वर्षों से हमसे छुपाई गई बड़ी-बड़ी PHARMACEUTICALS COMPANIES की ओर से,ताकि वो अपना धंधा चला सकें|हमें डराया गया है हमेशा,जिसे DISEASE MONGERING यानि भय का व्यापार कहते हैं और इसका फायदा हम सब को उल्लू बनाकर उठाया जाता रहा है ! “DIABETES HIGH BP CHOLESTEROL THYROID ANY TYPES OF VIRAL DISEASES DENGUE H1N1 SWINE FLUE CHIKANGUNIA HIV AIDS" वगैरह बीमारियों की सारी हकीकत अब दुनिया के सामने आ चुकी है,जिसको हमलोग LIFESTYLE DISEASE के नाम से जानते हैं|और मैं अपनी इस बात को किसी भी मंच पर सबके सामने साबित कर सकता हूँ कि तमाम बीमारियाँ बिल्कुल पूरी तरह हमेशा केलिए REVERSE हो जाती हैं,जिसके लिए जीवनभर ALLOPATHIC MEDICINES खिलाया जाता है यानी जीवनभर बीमार रखा जाता है|ज़रुरत है सिर्फ और सिर्फ अवाम जनता समाज,सोसाईटी और लोगों के जागने की|आगे आईए!इस अवामी-समाजी बेदारी अभियान का हिस्सा बनिए जिसे "DISEASE FREE WORLD" नाम रखा है| तमाम बीमारियाँ एक निश्चित समय में बिल्कुल REVERSE हो जाती हैं| DEAR FRIEND ! जो दवा मैं देता हूँ,जो बातें मैं बताता हूँ,वो UNANI MEDICINE सबसे अलग होता है|लोगों को बिल्कुल अजूबा लगता है,कयूँकी ALLOPATHIC UNANI AYURVEDIC & HOMEOPATHIC वालों ने इतना प्रोपगैण्डा फैलाया हुआ है कि लोग इसको सुनने समझने को ही तैयार नहीं|3-4 घंटे लगते हैं ये इस साजिश यानि CONSPIRACY को समझाने बताने में|सारा कच्चा चिट्ठा खोलकर जबतक नहीं बताता तबतक लोगों को यकीन नहीं होता| DIABETES और अन्य सभी किस्म की बीमारियों यानि LIFESTYLE DISEASES की ALLOPATHIC MEDICINES पहले दिन से ही छूट जाती है,फिर हमेशा के लिए| और भविष्य में कभी उसकी ज़रुरत भी नहीं|आजतक लोगों को PHARMACEUTICALS COMPANIES ALLOPATHIC UNANI AYURVEDIC & HOMEOPATHIC COMPANIES & DOCTORS HAKEEM VAIDYA बेवकूफ बनाती रही हैं जो कम्पनियों के एजेन्ट की तरह काम करते हैं|मगर अब बस ! DIABETES या किसी भी LIFESTYLE DISEASE के होने के कारण को नज़र अंदाज़ किया किया जाता रहा है ताकि ये और इस तरह की तमाम बीमारियों में जिन्दगी भर ALLOPATHIC MEDICINES खिलाते रहें PERMANENT CUSTOMER बनाकर लूटते रहें| मैं जो केवल एक MEDICINE हर बीमारी केलिए देता हूँ,उसको लेना शुरु करने के दिन से ही अपना असर दिखाता है|


ALLOPATHIC UNANI AYURVEDIC & HOMEOPATHIC MEDICINES छोड़ना पड़ता है हमेशा केलिए|तीन माह के बाद ये मेरी UNANI MEDICINE भी बन्द हो जाती है|ईन्शा अल्लाह | **Aapko ya aapke kisi apnon ko koi problem ho to likhe huwe ADDRESS par zarur aakar mil sakte hain.** नोट:- इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अपना विचार अवश्य व्यक्त करें|मुझे अच्छा लगेगा|साथ ही आगे अपने सर्किल में ज़रुर शेयर करें | * दवा केवल पावडर की शक्ल में है|4 - 4 ग्राम सुबह-शाम काढ़ा बनाकर पीना है| * भारत में कहीं भी स्पीड पोस्ट या कूरियर के द्वारा दवा भेजने का ईन्तजाम है|इसके लिए अलग से कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। धन्यवाद ! * نوٹ:- * इसी तरह के पोस्ट जो मोडर्न साइंस की पोल खोलने वाली होंगी,मेरे फेसबुक टाईमलाईन पर जाएं या मेरे Whats app पर जाएं।जहां उर्दू,हिन्दी और अंग्रेजी में ढेर सारे पोस्ट पढ़कर सच्चाई से रूबरू होंगे। और, देखेंगे कि कैसे ये फार्मासियु- टीकल कंपनियां बेवकूफ बनाकर जनता को कंगाल बना रही हैं।

Last updated date 30/09/2020

रिफाइंड ऑयल से हजारों गुना ज़्यादा अच्छा नाली का बदबूदार पानी

सबसे ज़्यादा मौतें देने वाला भारत में कोई है तो वो REFINED OIL है।केरल आयुर्वेदिक युनिवर्सिटी आफ रिसर्च सेन्टर के अनुसार, हर वर्ष 20 लाख लोगों की मौतों का कारण बन गया है-"रिफाइंड तेल"। रिफाइंड तेल से DNA डैमेज, RNA नष्ट, , हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉकेज, ब्रेन डैमेज, लकवा शुगर (डाईबिटीज), ब्लड प्रेशर, नपुंसकता कैंसर, हड्डियों का कमजोर हो जाना, जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, किडनी डैमेज, लीवर खराब, कोलेस्ट्रोल, आंखों रोशनी कम होना, प्रदर रोग, बांझपन, पाइल्स, त्वचा रोग आदि हजारों रोगों का प्रमुख कारण है। रिफाइंड तेल बनता कैसे हैं? बीजों का छिलके सहित तेल निकाला जाता है, इस विधि में जो भी IMPURITIES तेल में आती है, उन्हें साफ करने और तेल को स्वाद, गंध व रंगहीन करने के लिए रिफाइंड किया जाता है WASHING:- वाशिंग करने के लिए पानी, नमक, कास्टिक सोडा, गंधक, पोटेशियम, तेजाब व अन्य खतरनाक एसिड इस्तेमाल किए जाते हैं, ताकि IMPURITIES बाहर हो जाएं |इस प्रक्रिया में तारकोल की तरह गाढ़ा वेस्टेज (WASTAGE) निकलता है जो कि टायर बनाने में काम आता है। यह तेल ऐसिड के कारण ज़हर बन गया है। NEUTRALISATION:- तेल के साथ कास्टिक या साबुन को मिक्स करके 180°F पर गर्म किया जाता है।


जिससे इस तेल के सभी पौस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं। BLEACHING:-इस विधी में P O P (प्लास्टर ऑफ पेरिस, जो मकान बनाने में काम आता है) का उपयोग करके तेल का कलर और मिलाये गये कैमिकल को 130 °F पर गर्म करके साफ किया जाता है! HYDROGENATION:- एक टैंक में तेल के साथ निकोल और हाइड्रोजन को मिक्स करके हिलाया जाता है। इन सारी प्रक्रियाओं में तेल को 7-8 बार गर्म व ठंडा किया जाता है, जिससे तेल में "पालीमर्स" बन जाते हैं, उससे "पाचन प्रणाली" को खतरा होता है, और भोजन न पचने से सारी बिमारियां होती हैं। NICKEL:-एक प्रकार का CATALYST METAL (लोहा होता है) जो हमारे शरीर के RESPIRATORY SYSTEM, LIVER, SKIN, METABOLISM, DNA, RNA को भंयकर नुकसान पहुंचाता है। रिफाइंड तेल के सभी तत्व नष्ट हो जाते हैं और ऐसिड (कैमिकल) मिल जाने से यह भीतरी अंगों को नुकसान पहुंचाता है। गंदी नाली का पानी पी लें, उससे कुछ भी नहीं होगा, क्योंकि हमारे शरीर में प्रति रोधक क्षमता उन बैक्टीरिया को लड़कर नष्ट कर देता है, लेकिन रिफाइंड तेल खाने वाले व्यक्ति की अकाल मृत्यु होना निश्चित।हमारा शरीर करोड़ों CELLS (कोशिकाओं) से मिलकर बना है, शरीर को जीवित रखने के लिए पुराने CELLS नऐ CELLS से REPLACE होते रहते हैं, नये CELLS (कोशिकाओं) बनाने के लिए शरीर खुन का उपयोग करता है, यदि हम रिफाइंड तेल का उपयोग करते हैं तो खुन मे TOXINS की मात्रा बढ़ जाती है, और शरीर को नए सेल बनाने में रुकावटें आती हैं, तो कई प्रकार की बीमारियां जैसे- CANCER, DIABETES, HEART ATTACK, KIDNEY PROBLEMS, ALLERGIES, STOMACH ULCER, PREMATURE AGING, IMPOTENCE, ARTHRITIS, DEPRESSION, HIGH BLOOD PRESSURE आदि हजारों बिमारियां होगी। रिफाइंड तेल बनाने की प्रक्रिया से तेल बहुत ही मंहगा हो जाता है, तो इसमे "पाम आयल" मिलाया जाता है! (पाम आयल स्वयं एक धीमी ज़हर है) सरकार का आदेश:-हमारे देश की पॉलिसी अमरिकी सरकार के इशारे पर चलती है। अमरीका का पाम आयल खपाने के लिए, "मनमोहन सरकार" ने एक अध्यादेश लागू किया कि प्रत्येक तेल कंपनियों को 40% खाद्य तेलों में पाम आयल मिलाना अनिवार्य है, नहीं तो लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा।इससे अमेरिका को बहुत फायदा हुआ।पाम आयल के कारण लोग अधिक बिमार पड़ने लगे, हार्ट अटैक की संभावना 99%बढ गई, तो दवाईयां भी अमेरिका की आने लगी, हार्ट मे लगने वाली स्प्रिंग(पेन की स्प्रिंग से भी छोटा सा छल्ला) दो लाख रुपये की बिकती हैं,यानी कि अमेरिका के दोनो हाथों में लड्डू, "पाम आयल" भी उनका और "दवाइयां" भी उनकी।


अब तो कई नामी कंपनियों ने "पाम आयल" से भी सस्ता,गाड़ी में से निकाला काला आयल (जिसे आप गाडी सर्विस करने वाले के पास ही छोड आते हैं),वह भी रिफाईन्ड कर के खाद्य तेल में मिलाया जाता है, अनेक बार अखबारों में पकड़े जाने की खबरें आती है। सोयाबीन एक दलहन हैं, तिलहन नहीं। दलहन में- मुंग, मोठ, चना, सोयाबीन, व सभी प्रकार की दालें आदि होती है। तिलहन में- तिल, सरसों, मुमफली, नारियल, बादाम आदि आती है। अतः सोयाबीन तेल,प्योर पाम आयल ही होता है। पाम आयल को रिफाईनड बनाने के लिए सोयाबीन का उपयोग किया जाता है। सोयाबीन की एक खासियत होती है कि यह प्रत्येक तरल पदार्थों को सोख लेता है, पाम आयल एक दम काला और गाढ़ा होता है।उसमें साबुत सोयाबीन डाल दिया जाता है जिससे सोयाबीन बीज उस पाम आयल की चिकनाई को सोख लेता है,और फिर सोयाबीन की पिसाई होती है,जिससे चिकना पदार्थ तेल" तथा "आटा" अलग अलग हो जाता है, आटा से सोया मंगोड़ी बनाई जाती है! आप चाहें तो किसी भी तेल निकालने वाले के पास सोयाबीन ले जा कर, उससे तेल निकालने के लिए कहें। मेहनताना एक लाख रुपये भी देने पर तेल नही निकालेगा, क्योंकि सोयाबीन का आटा बनता है, तेल नही! सूरजमुखी, चावल की भूसी (चारा) आदि के तेल रिफाईन्ड के बिना नहीं निकाला जा सकता है, अतः ये जहरीले ही है! "फॉर्च्यून" अर्थात आप के और आप के परिवार के "फ्यूचर" का अंत करने वाला है। "सफोला",अर्थात सांप के बच्चे को "सफोला" कहते हैं। 5 वर्ष खाने के बाद शरीर जहरीला 10 वर्ष के बाद "सफोला" (सांप का बच्चा अब "सांप" बन गया है. *15 साल बाद मृत्यु,यानी कि "सफोला" अब "अजगर" बन गया है और वह अब आप को निगल जायगा। गलत खान पान के कारण, अकाल मृत्यु हो जाती है।तन मन धन और आत्मा की तृप्ति के लिए सिर्फ कच्ची घाणी का तेल, तिल, सरसों, मुंगफली, नारियल, बादाम आदि का तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए।पौस्टीक और शरीर को निरोग रखने वाला सिर्फ "कच्ची घाणी" का निकाला हुआ तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए! आज कल सभी कम्पनियां अपने प्रोडक्ट पर कच्ची घाणी का तेल ही लिखती हैं, जो बिल्कुल झूठ है, सरासर धोखा है।कच्ची घाणी का मतलब है लकड़ी की बनी हुई, ओखली और लकडी का ही मुसल होना चाहिए।लोहे का घर्षण नहीं होना चाहिए।इसे कहते हैं-"कच्ची घाणी", जिसको बैल के द्वारा चलाया जाता हो। आजकल बैल की जगह मोटर लगा दी गई है! लेकिन मोटर भी बैल की गती जितनी ही चले! लोहे की बड़ी बड़ी मशिनें जिनका बेलन लाखों की गती से चलता है जिससे तेल के सभी पौस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं और वे लिखते हैं- "कच्ची घाणी"। नोट:- इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अपना विचार अवश्य व्यक्त करें, मुझे अच्छा लगेगा| साथ ही आगे अपने सर्किल में ज़रुर शेयर करें | * मेरे पास दवा केवल एक ही है, जो पावडर की शक्ल में है| 4 - 4 ग्राम सुबह-शाम काढ़ा बनाकर पीना है| * ₹ 3000/- रूपये एक महीना (किसी भी बीमारी के लिए) है। * ₹ 6000/- रुपए एक महीना (CANCER & TUMOUR के लिए) है। * इंडिया या इंडिया के बाहर कहीं भी स्पीड पोस्ट या कूरियर के द्वारा दवा भेजने का इंतज़ाम है|

Last updated date 22/09/2020

कोलेस्ट्रॉल - मौत का सबसे बड़ा कारण ?

लाख टके का सवाल यह है कि जब तक किसी "डॉक्टर" , "हकीम" या "वैध" को यही नहीं मालूम कि कोई बीमारी कैसे होती है या किस कारण से होती है , तो कोई "डॉक्टर" , "हकीम" या "वैध" किसी मामूली से मामूली या बड़ी से बड़ी बीमारी का ईलाज कैसे कर पाएगा?ऐसे में वो ईलाज तो करेगा ही , मगर सिर्फ अंधेरे में तीर चलाएगा, "लगा तो तीर नहीं तो तुक्का"। चिंतन का समय है.........कि...........जब सभी बीमारियों की वजह GLUCOSE और INSULIN का आपसी तालमेल गड़बड़ होना ही है।तो फिर क्या वजह है कि सभी बीमारियों केलिए "एक ही दवा" काफ़ी क्यों नहीं? इस MECHANISM को समझना जरूरी है। मेरा मतलब है कि GLUCOSE और INSULIN के बीच जो असामान्य स्थिति हमारे शरीर के भीतर उत्पन्न हो चुकी है, जिसके कारण कोई "रोग" सामने आया है।"रोग"के पीछे न पड़कर, "रोग" के "कारण" यानी "जड़" को दुरुस्त कर देने भर से ही कोई भी ईन्सान अपनी बड़ी से बड़ी बीमारी से कुछ दिनों या महीनों में छुटकारा पा सकता है। याद रखिये कि भारत मैं सबसे ज्यादा मौतें कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं।


आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे। अमेरिका की कईं बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में दिल के रोगियों (HEART PATIENTS) को अरबों की दवाई बेच रही हैं !लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा ANGIOPLASTY (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ।इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक SPRING डालते हैं,जिसे STENT कहते हैं।यह STENT अमेरिका में बनता है और इसका COST OF PRODUCTION सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है।इसी STENT को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता है और आपको लूटा जाता है।डॉक्टरों को लाखों रूपए का COMMISSION मिलता है।


इसलिए वो आपसे बार-बार कहता है कि ANGIOPLASTY करवाओ। CHOLESTEROL, BP, HEART ATTACK आने की मुख्य वजह है, ANGIOPLASTY ऑपरेशन।यह कभी किसी का सफल नहीं होता।क्यूँकी डॉक्टर, जो SPRING दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल PEN की SPRING की तरह होती है।कुछ ही महीनो में उस SPRING की दोनों साइडों पर आगे व पीछे BLOCKAGE (CHOLESTEROL व FAT) जमा होना शुरू हो जाता है।इसके बाद फिर आता है दूसरा HEART ATTACK ( हार्ट अटैक )डॉक्टर कहता हें फिर से ANGIOPLASTY करवाओ।आपके लाखो रूपए लुटता है और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं।

Last updated date 21/09/2020

High Cholesterol

Heart attacks and strokes are common outcomes of ASCVD caused by cholesterol build-up in the arteries.


Its risk factors include a person’s age, sex, race, smoking and diabetes status, blood pressure, and blood cholesterol levels


. We felt this focus on atherosclerotic risk was the best way to determine who would benefit from cholesterol lowering therapy, be it lifestyle changes and/or statin use, because it focused on the whole person – as opposed to one piece of the puzzle. In other words, whether your cholesterol is too high for you depends on your other risk factors. This 360° view is intended to help people prepare for a heart healthy life, which includes controlling blood cholesterol (a quick look at Life’s Simple Seven provides the other six guidelines that aid a healthy and happy heart.

Last updated date 26/08/2020


क्यों ख़तरनाक है कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

CHOLESTEROL एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर में बनता है। PLAQUE जमा होने से धमनियां संकरी हो जाती हैं।ज्यादा तेल और घी से बने आहार खाने से बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल। CHOLESTEROL एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर में बनता है। अगर शरीर में CHOLESTEROL की मात्रा बढ़ जाती है, तो एक क्रिया होती है, जिसे ATHEROSCLEROSIS कहते हैं। इससे CHOLESTEROL धमनियों में PLAQUE के रूप में जमा होने लगता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं। धमनियों के संकरे होने के कारण कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। खतरनाक स्तर होने पर इससे हार्ट अटैक भी हो सकता है,और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। आइए आपको बताते हैं क्यों खतरनाक होता है शरीर में CHOLESTEROL का बढ़ना। CHOLESTEROLबनने के तीन प्रमुख कारण हैं:- 1) अधिक तेल युक्त आहार लेना मसलन फ्रेंच फ्राइज़, फ्राइड चिकन आदि। 2) POLY UNSATURATED FATTY ACID का अधिकता में सेवन करना जो कि वानस्पतिक तेल में मिलता है। 3) इसके अलावा सिगरेट पीने वालों को ये समस्‍या हो सकती है। धमनियां हो जाती हैं सख्त:-हमारा BLOOD धमनियों (रक्तवाहिकाओं) में बहता है,और इसी के सहारे शरीर के सभी अंगों तक पहुंचता है। धमनियों के अंदरूनी हिस्से में लाइनिंग होती है, जिसे ENDOTHELIUM कहा जाता है, जो नाजुक और नर्म होती है। लेकिन CHOLESTEROL के कारण यह सख्त होने लगती हैं। सिर्फ CHOLESTEROL ही नहीं, HIGH BP या चोट लगने के कारण भी धमनियों पर बुरा असर पड़ता है। हार्ट अटैक का खतरा:- CHOLESTEROL बढ़ने के कारण धमनियों में जमा होने वाले PLAQUE के कारण सबसे ज्यादा खतरा HEART और BRAIN को होता है। CHOLESTEROL के कारण इन दो महत्वपूर्ण अंगों तक ठीक से खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे व्यक्ति के लिए जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। CHOLESTEROL के बढ़ने से मुख्य रूप से HEART की बीमारियों और STROKE का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपको सीने में दर्द महसूस हो, बेचैनी हो या दिल बहुत जोर-जोर से धड़कने लगे, तो ये CHOLESTEROL के बढ़े होने के संकेत हो सकते हैं। स्ट्रोक हो सकता है:-धमनियों में PLAQUE के कारण BRAIN तक OXYGEN पहुंचने और BLOOD CIRCULATION में दिक्कतें आती हैं। नतीजतन STROKE होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। BRAIN को प्रभावित करने वाला STROKE रक्त वाहिकाओं में रुकावट या रक्त वाहिका फट जाने की वजह से हो सकता है। HIGH CHOLESTEROL के कारण ESCHAEMIC STROKE के जोखिम बढ़ सकते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि धमनियों में रक्त के CLOTTING न जम सकें। इसे नजरअंदाज करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता हैI इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से जांच करवाएं और अपना CHOLESTEROL मैनेज करें। पाचनतंत्र भी होता है प्रभावित।